Tuesday, September 14, 2010

Best Gajal in sufi style


ना मिलना तो एक बहाना है
शायद उन्हें हमें आजमाना है

उनका बस दिदार हो जाये
राह में तकते जमाना है

संभल कर मारो पत्थर यारों
कांच का ये मेरा आशियाना है

मै तो अदना सा हूँ एक इन्सान
ना कोई घर है ना घराना है

जमाना तो बदला है इस कदर
ना है हया ना कुछ शरमाना है

मेरा तो बस तुझसे है रिश्ता
छोटासा मेरा ये फ़साना है

झूट कहोगे,पर कहाँ तक कहोगे ?
जबाँ को आखिर कतराना है

जिंदगी में जियो कुछ इस तरह
शबनम को रेत पर बरसाना है

आंसू गर आ गए आंखोसे
चुपके से इन्हें यूँ थमाना है

रूह का रिश्ता रूह से 'साजिद '
बस प्यार से इसे निभाना है

Thursday, September 9, 2010

राम जियावन - भोजपुरी के तुलसीदास


हम फकीरों से जो चाहे दुआ ले जाए,

फिर खुदा जाने किधर हमको हवा ले जाए,

हम सरे राह लिए बैठे हैं चिंगारी,

जो भी चाहे चिरागों को जला ले जाए,

हम तो कुछ देने के काबिल ही कहां हैं लेकिन,

हां, कोई चाहे तो जीने की अदा ले जाए

राम जियावन - भोजपुरी के तुलसीदास

हम फकीरों से जो चाहे दुआ ले जाए,

फिर खुदा जाने किधर हमको हवा ले जाए,

हम सरे राह लिए बैठे हैं चिंगारी,

जो भी चाहे चिरागों को जला ले जाए,

हम तो कुछ देने के काबिल ही कहां हैं लेकिन,

हां, कोई चाहे तो जीने की अदा ले जाए