Saturday, August 2, 2008

जीवन दर्शन आज के ईस यूग में हो रहे निर्मम घटनाओ और उनसे जुड़ी सारी क्रिया कलापों को प्रस्तुत करने वाली एक चोटी से आलेख है। ईश जीवन में न कोई किसी का है और न ही कोई किसी का होगा। आज हम देखते है की किसी के बेटे ने ख़ुद अपने बाप को मार डाला वो भी कुछ चाँदपैसो के लिए जो की आज तक न किसी का हुआ है , और न ही किसी का होगा।

फिर भी आज न जाने ये मनुष्य को किस तरह की मोह ने घेर रखा है जो की लोग अपने सगे सम्भंधियो को मारने के लिए तैयार हो जाते है। और उन्हें अपने इस गलती का एह्हस तब होता है जब वो ख़ुद भी अपने उसी दर्द के दलदल में घिर जाते है।



चलो देखते है आज से आगे ये दुनिया कहा जायेगी ........

1 comment:

Anonymous said...

...please where can I buy a unicorn?